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किडनी सिस्ट का आयुर्वेदिक उपचार Ayurvedic kidney cyst treatment in Hindi

किडनी शरीर का एक ऐसा हिस्सा है जिसका स्वस्थ रहना काफी जरुरी होता है| जब आपकी किडनी स्वस्थ रहती है तो इससे आपके शरीर के बाकी अंग भी स्वस्थ रहते हैं| अगर आपको आपके शरीर में कुछ बदलाव नजर आते हैं तो इनको अनदेखा नहीं करना चाहिए| लेकिन कई लोग अपने शरीर में होने वाले इन बदलावों को सीरियसली नहीं लेते और इसका नतीजा यह होता है कि आपको किडनी जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है| किडनी के सभी रोग गंभीर हो सकते हैं अगर उन पर ध्यान न दिए जाये तो|

किडनी का काम:

किडनी का काम आपके शरीर को अन्दर से साफ़ और स्वस्थ बनाये रखने का होता है| जिसमें किडनी आपके रक्त को साफ करती है और आपके शरीर में जमा गंदगी को यूरिन के माध्यम से बाहर करती है| किडनी आपके भोजन से मिनिरल्स और विटामिन प्राप्त करके शरीर के अन्य हिस्सों में भेजने का काम करती है और बाकी बचा हुआ वेस्ट जिसको क्रिटिनिन कहते हैं| इसको आपके शरीर से बाहर निकालने का काम करती है| कभी कभी गलत खान-पान के करण किडनी संक्रिमित हो जाती है| जिस करण किडनी अपना कार्य ठीक से नहीं कर पाती और वेस्ट पदार्थ यानी कि क्रिएटिनिन भारी मात्रा में आपके शरीर में जमा होने लगता है और यह आपको किडनी की परेशानी दे सकता है| आपको किडनी में कोई भी समस्या हो सकती है इसलिए जरुरी है कि आप शरीर में होने वाले इन बदलावों को ध्यान दें|

किडनी सिस्ट क्या है?

किडनी में सिस्ट का होना आपके शरीर को कई सारी परेशानियां दे सकता है| सिस्ट एक तरह का पानी से भरा एक बुलबुला होता है जो आपकी किडनी में किसी भी कारण हो सकता है| इसका कोई एक खास कारण नहीं होता| जब यह सिस्ट बड़े हो जाते हैं, तो यह किडनी के काम में रुकावट डालते हैं| जिसके कारण किडनी में समस्या बढ़ जाती है| किडनी सिस्ट सामन्यतः 2 प्रकार के होते हैं| जिसमें से एक होता है सिंपल सिस्ट और दूसरा होता है काम्प्लेक्स सिस्ट|

सिंपल सिस्ट में किडनी पर बने हुए सिस्ट में पानी से भरे हुए होते हैं और काम्प्लेक्स सिस्ट में किडनी में बने सिस्ट कुछ वेस्ट मटेरियल से भरे होते हैं| जो कि किडनी के लिए नुकसानदायक होते हैं| किडनी में सिस्ट कहीं भी बन सकते हैं| वो चाहे किडनी के अन्दर हों या फिर किडनी के बाहर| जब किडनी में सिस्ट की मात्रा बढ़ जाती है, तो उससे किडनी का आकार भी बड़ा हो जाता है| जिसके कारण यह किडनी के काम में दबाव डालता है| जिससे किडनी के नेफ्रोंस दब जाते हैं और किडनी रक्त को साफ़ नहीं कर पाती| और इससे आपके शरीर में परेशानियां आने लगती हैं|

किडनी सिस्ट के लक्षण:

  • पेट और कमर में असहनीय दर्द होना
  • पेट में गाँठ या पेट का बढना
  • यूरिन में ब्लड होना
  • यूरिन रिलीज़ होने में परेशानी होना
  • हल्का बुखार बने रहना
  • हमेशा सिर दर्द होना
  • यूरिन की नली में संक्रमण होना
  • कमर में बहुत ज्यादा दर्द होना

किडनी सिस्ट में डाइट में शामिल करें:

चेरी:
चेरी में एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं| जो शरीर में होने वाली बीमारियों से बचाव करते हैं| इसका सेवन आपको किडनी सिस्ट रोग में आराम देता है और किडनी में सिस्ट को बढ़ने से रोकता है|

सेब:
सेब में अधिक मात्रा में फाइबर होता है जो किडनी के लिए फायदेमंद होते हैं| अगर आप नियमित मात्रा में सेब का सेवन करते हैं तो इससे कोलेस्ट्रॉल कम होता है, जिससे आपका ब्लड साफ़ रहता है| और किडनी के काम में किसी प्रकार का दबाव नहीं पड़ता|

पपीता :
अगर आप अपनी डाइट में पपीते का सेवन करते हैं तो यह आपकी किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है| साथ ही इसका सेवन आपको पेट से जुड़ी परेशानी से दूर रखता है| पपीते में सही मात्रा में विटामिन्स और एमिनो एसिड की मात्रा होती है जो किडनी सिस्ट रोग को बढ़ने नहीं देती|

किडनी सिस्ट की समस्या से दूर रहने के लिए आप कुछ योग को भी अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं| अगर आप अपने जीवन में योग को शामिल करते हैं, तो आप किडनी जैसी कई और गंभीर समस्याओं से दूर हो सकते हैं| जिसके लिए आप अपने जीवन में भुजंग आसन, मत्स्यासन, सेतु बंधासन, नौकासन और पश्चिमोत्तानासन को शामिल कर सकते हैं| लेकिन ध्यान रहे किडनी रोगी कोई भी योग बिना doctor की सलाह के ना करें यह हानिकारक हो सकता है|

आयुर्वेदिक इलाज़:

वर्तमान समय में आयुर्वेद के ज़रिए किसी भी बीमारी का इलाज संभव है| उसी प्रकार आयुर्वेद में सिस्ट की समस्या के लिए भी उपचार उपलब्ध है (kidney cyst treatment in Ayurveda)| और इस उपचार की सबसे अच्छी बात यह है कि इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता| अगर बात एलॉपथी की करें, तो यहाँ सिस्ट के लिए सिर्फ ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी जाती है| अब बात आयुर्वेद की करें तो इसमें सिस्ट का इलाज़ पूरी तरह प्राकर्तिक होता है| आयुर्वेद में जड़ी-बूटी से उपचार के साथ-साथ आहार और योग की सलाह भी दी जाती है|

आयुर्वेद एक ऐसा प्राकर्तिक विज्ञान है जो आपके स्वास्थ को बेहतर बनाता है| इसके अलावा आपके शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है| किडनी के मरीजों को आयुर्वेद की तरफ से बेहतर और सफल इलाज़ कर्मा आयुर्वेदा से मिलता है| यहाँ किडनी की बीमारी के लिए जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जाता है, जो पूरी तरह प्राकर्तिक है, जिसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता| आयुर्वेद में किडनी के इलाज़ में प्रयोग होने वाली यह सभी जड़ी-बूटी किडनी के उपचार के लिए बेहतर मानी गई है|


ध्यान रहे:
किडनी के मरीजों को कोई भी आहार, कोई भी योग और कोई भी आयुर्वेदिक दवा का सेवन अपने आप से नहीं करना है| इसके लिए आप किसी जानकार से सलाह लें या फिर आप कर्मा आयुर्वेदा से संपर्क कर सकते हैं.

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