किडनी हमारे शरीर का सबसे जरूरी हिस्सा मानी जाती है। किडनी हमारे ब्लड को फिल्टर करने का काम करती है। लेकिन कई लोगों को वक्त से पहले ही किडनी में समस्याएं आने लगती हैं जैसे किडनी में इंफेक्शन, किडनी सिस्ट आदि। लेकिन आज हम आपको ऐसे आयुर्वेदिक उपचार बताने जा रहे हैं, जो आपकी किडनी के लिए रामबाण साबित होंगे। आइए, उन उपचारों के बारे में जानते हैं -
किडनी को किसी भी तरह की खराबी से बचाने के लिए सोना-जागना जरूरी है। इसके लिए बिना रुके कम से कम छह घंटे की नींद लेनी चाहिए। इससे न सिर्फ किडनी हेल्दी रहती है, बल्कि तनाव भी कम होता है।
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वहीं गिलोय भी सबसे प्रभावशाली जड़ी-बूटियों में से एक है। गिलोय की बेल को किडनी के लिए रामबाण इलाज माना जा सकता है। इसका सेवन करने से क्रोनिक किडनी जैसी गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है।
आयुर्वेद में पुनर्नवा की जड़ को बहुत फायदेमंद माना जाता है। गिलोय में मौजूद डाइयुरेटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण किडनी को खराब होने से बचा सकते हैं।
वहीं गोक्षुरा को भी किडनी के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। गोक्षुरा का चूर्ण लेने से आप न सिर्फ किडनी की बीमारियों से, बल्कि बढ़े हुए यूरिक एसिड, क्रिएटिनिन से भी बच सकते हैं। गोक्षुरा को किडनी का आयुर्वेदिक इलाज माना जा सकता है।
किडनी को हेल्दी रखने के बाद भी कई बार दूषित खाने की वजह से उसमें इंफेक्शन हो जाता है। ऐसे में ब्लैडर फेल हो सकता है। इससे किडनी फेलियर तक का खतरा हो सकता है। ऐसे में किडनी इंफेक्शन का इलाज होना बहुत जरूरी है, जिसके लिए हम आयुर्वेदिक उपचार बनाएंगे -
क्रेनबैरी का जूस पीने से किडनी का इंफेक्शन ठीक हो सकता है। क्रेनबैरी के जूस में मिनरल्स, विटामिन, एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं। इसका सेवन करने से किडनी में फैल रहे संक्रमण को रोका जा सकता है।
वहीं लहसुन भी किडनी इन्फेक्शन का इलाज माना जा सकता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-फंगल गुण आपकी किडनी को हेल्दी रखने का काम करते हैं। आप इसकी कलियों का सेवन रोज सुबह खाली पेट कर सकते हैं।
सेब के सिरके में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसका सेवन करने से किडनी इंफेक्शन पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। इसे पीने से शरीर के सारे टॉक्सिन्स बाहर निकल सकते हैं।
किडनी में सिस्ट तरल पदार्थ की एक गोल थैली होती है। यह सिस्ट किडनी के अंदर होता है, जो किडनी के काम पर असर डाल सकता है। किडनी सिस्ट के दौरान पेट के ऊपरी हिस्से में भी दर्द होने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि किडनी सिस्ट का उपचार करके उसे ठीक किया जाए -
हल्दी में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं, जो कई बीमारियों को ठीक करते हैं। इसका सेवन करने से न सिर्फ किडनी सिस्ट ठीक हो सकता है, बल्कि शरीर की इम्यूनिटी भी बूस्ट करता है।
आयुर्वेद में शिलाजीत का खास महत्व होता है। इसका इस्तेमाल किडनी सिस्ट को निकालने के लिए किया जाता है। इसकी जड़ी-बूटियों का उफयोग कई तरह की दवाइयां बनाने में किया जाता है।
किडनी सिस्ट को ठीक करने के लिए कचनार की छाल भी बहुत काम में आती है। इसकी छाल को पानी में डालकर उबालें और पानी छानकर पी लें। ऐसा करने से किडनी की गांठ को निकालने में मदद मिलती है।
तो जैसा कि आपने जाना कि आखिर किडनी का आयुर्वेदिक इलाज क्या है, लेकिन फिर भी इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी
ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।
अपनी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए कर्मा आयुर्वेदा के विशेषज्ञों से परामर्श लें और प्राकृतिक आयुर्वेदिक उपचार का लाभ उठाएं।
Disclaimer: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किडनी मरीजों को अपने आहार या दिनचर्या में किसी भी बदलाव से पहले अपने डॉक्टर या डाइटिशियन से परामर्श करना चाहिए। अपॉइंटमेंट के लिए हमारी 24×7 हेल्पलाइन पर कॉल करें: +91-9821929797 या विजिट करें www.karmaayurvedahospital.com
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